मंगलनाथ मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियो की संख्या बढ़ी .
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बाद सबसे ज्यादा श्रद्धालुगण श्री मंगल ग्रह के जन्म स्थान कहे जाने वाले भगवान श्री मंगलनाथ के मंदिर पर दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं.

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बाद सबसे ज्यादा श्रद्धालुगण उज्श्रीजैन के मंगल ग्रह के जन्म स्थान कहे जाने वाले भगवान श्री मंगलनाथ के मंदिर पर दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। यहां यजमानों द्वारा भात पूजन, कालसर्प दोष, अर्क विवाह,कुंभ विवाह, श्रापित दोष निवारण तथा अंगारक दोष निवारण के लिए प्रतिदिन पूजन मंदिर के विद्वान पंडितों द्वारा संपन्न जाती है । बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से मंदिर प्रबंध समिति भी समृद्ध हो रही है । अकेले 12 दिसंबर भोम अमावस्या को प्रबंध समिति को 2 लाख 52 हजार रु श्रद्धा निधि प्राप्त हुई ।
मंगलनाथ मंदिर मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में स्थित है। पुराणों के अनुसार उज्जैन नगरी को मंगल की जननी कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है, वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए यहाँ पूजा-पाठ करवाने आते हैं। यूँ तो देश में मंगल भगवान के कई मंदिर हैं, लेकिन उज्जैन इनका जन्मस्थान होने के कारण यहाँ की पूजा को खास महत्व दिया जाता है।
मंगलनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने से कुंडली में उग्ररूप धारण किया हुआ मंगल शांत हो जाता है। इसी धारणा के चलते हर साल हजारों नवविवाहित जोड़े, जिनकी कुंडली में मंगलदोष होता है, यहाँ पूजा-पाठ कराने आते हैं।
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