उज्जैन के फ्रीगंज का दम घुटने लगा है ,शहर का सबसे सुन्दर क्षेत्र बेतरतीब बाजार में बदला   

फ्रीगंज  मनोयोग से बसाया गया था पर अब वह  फ्रीगंज नजर नहीं आता .टावर चौक तमाम चाट के  ठेलों  से पट गया है .आसपास से गुजरते वाहन वाले  बहुत मुश्किल में निकलते हैं .रोज रात को यहां चाट खाने वालों की भीड़  लगी रहती है .यहां बैठकर यदि चाट  खा रहे हैं तो  पास में  नाली से आ रही दुर्गन्ध सांसों  में  में घुल  जाएगी  सब खाना पीना बेकार कर देगी.

Nov 3, 2024 - 16:14
Nov 3, 2024 - 16:18
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उज्जैन के  फ्रीगंज  का दम घुटने लगा है  ,शहर का सबसे सुन्दर क्षेत्र बेतरतीब बाजार में बदला    

कभी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे  शिवराज सिंह चौहान ने  तीर्थ नगरी उज्जैन  को तीन लोक से न्यारी  नगरी की संज्ञा दी थी. वाकई पुराना शहर और ब्रिज  के इस पार बना फ्रीगंज उज्जैन शहर की शान हुआ करते थे. पुराने शहर की पतली गलियां लोगों का आकर्षण का केंद्र रहा करती थी .दूसरी ओर सिंधिया महाराज द्वारा बसाया गया फ्रीगंज था ,इसकी संरचना दिल्ली के कनॉट प्लेस की तरह की गई  थी. यहां के कट चौराहे और दो मकान के बीच में  छूटी  हुई गलियां इसका अलग ही मिजाज सेट  करती थी.     

 फ्रीगंज  मनोयोग से बसाया गया था पर अब वह  फ्रीगंज नजर नहीं आता .टावर चौक तमाम चाट के  ठेलों  से पट गया है .आसपास से गुजरते वाहन वाले  बहुत मुश्किल में निकलते हैं .रोज रात को यहां चाट खाने वालों की भीड़  लगी रहती है .यहां बैठकर यदि चाट  खा रहे हैं तो  पास में  नाली से आ रही दुर्गन्ध सांसों  में  में घुल  जाएगी  सब खाना पीना बेकार कर देगी.

शहीद पार्क  से  टावर चौक  के बीच की मुख्य सड़क व  गलियों में फूलों के ठेले ,सब्जी के ठेले ,नारियल पानी की दुकानें  इतनी मात्रा में हो गई हैं कि पैदल चलना मुश्किल हो गया है. फ्रीगंज में लगने वाली बड़ी दुकानों से खरीदारी करने के लिए आसपास के  लोग अपने  टू- व्हीलर ,फोर व्हीलर लेकर यहां आते हैं और हर दुकान के सामने  पार्किंग कर दी जाती है. शाम के समय तो पूरे फ्रीगंज का चक्कर लगा ले  कहीं गाड़ी लगाने की  जगह नहीं मिलेगी . स्मार्ट सिटी ने शहर में कई काम किये  लेकिन फ्रीगंज में  पार्किंग की जगह विकसित नहीं की .न ही एक-दो जगह को छोड़कर कहीं ढंग की  यूरिनल की व्यवस्था की गई है .

फ्रीगंज  की बड़ी दुकानों से  निकलने वाला कचरा यहां की नालियों को जाम कर देता है .इस कारण  दुर्गंध आती है ,यह दुर्गंध बढ़ाने का काम यहां पर बड़ी मिठाइयों की दुकान वाले भी करते हैं .जो  मिठाई बनाने में निकले  वेस्ट पानी को नाली में डाल देते हैं .इन दुकानों के आसपास तो खड़े रहना भी मुश्किल होता है पूरा क्षेत्र गंधाता है .

 फ्रीगंज के  रहवासी अब परेशान हो गए है . ऐसी कई मकान मालिक  है जिन्होंने आसपास की  कॉलोनी में अपने घर बना दिए हैं और दुकान के लिए जगह छोड़ दी है .पूरा फ्रीगंज  बाजार में तब्दील हो गया है. लोग यहां की  महंगी जमीन, घर बेच कर पलायन कर रहे  हैं.

 क्या करना चाहिये 

फ्रीगंज को  अतिक्रमण से मुक्त करके जैसे पिछली बार मक्सी रोड पर एक सब्जी मंडी बनाई गई थी उसी तरह एक स्थान पर फ्रूट  मार्केट बनाना चाहिए .बाहर घूमकर फेरी लगाने  वाले या ठेला लगाने वालों का नियंत्रण करना चाहिए .इसी तरह शाम के समय टावर और शहीद पार्क पर  वाहनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए .फ्रीगंज की मुख्य सड़कों पर  केवल पैदल, साइकिल चालकों व इमरजेंसी सर्विसेज के  वाहन को अनुमति मिले.साथ ही चारो दिशाओं में एक एक बड़ी पार्किंग बने . जगह न  हो तो मल्टी लेवल पार्किंग बनाकर उसका व्यवस्थित संचालन किया जाये .

   हालांकि यह सब होना बहुत ही कठिन हैं, दृढ़संकल्प वाले नेता औऱ अधिकारी ही ऐसा कर सकते है ,व्यवस्था तभी बनेगी.

 

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Harishankar Sharma State Level Accredited Journalist राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार , 31 वर्षों का कमिटेड पत्रकारिता का अनुभव . सतत समाचार, रिपोर्ट ,आलेख , कॉलम व साहित्यिक लेखन . सकारात्मक एवं उदेश्य्पूर्ण पत्रकारिता के लिए न्यूज़ पोर्टल "www. apni-baat.com " 5 दिसम्बर 2023 से प्रारम्भ . संपर्क apnibaat61@gmail.com "Harishankar sharma " state leval acridiated journalist residing at ujjain mp. .working since 31 years in journalism field . expert in interviews story , novel, poems and script writing . six books runing on Amazon kindle . Editor* news portal* www.apni-baat.com