रेलवे के  चार  प्रोजेक्ट जो मालवा की तकदीर बदलेंगे  

2028 के पहले इन नये  रेल मार्गों का पूरा होना जरूरी

Sep 13, 2024 - 16:41
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रेलवे के  चार  प्रोजेक्ट जो मालवा की तकदीर बदलेंगे   

मालवा क्षेत्र में इंदौर से लेकर धार - झाबुआ - दाहोद तथा धार- सरदारपुर- टांडा -जोबट  खांडला - अलीराजपुर – छोटा उदयपुर तक के दो रेल मार्ग वर्ष 2008 से लेकर अब तक प्रगति रत हैं . इनको  पूरा होने में अभी भी 2026 तक का समय लगेगा. इंदौर ओम्कारेश्वर – खंडवा  गेज परिवर्तन भी अभी पूरा नहीं हुआ है यह भी 2026 तक पूरा होगा .हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा इंदौर मनमाड़ रेलवे लाइन की मंजूरी दी गई है जो मध्य प्रदेश के पांच जिलों में जीवन रेखा का कार्य करेगी . इसके पूरे  होने की समय सीमा वर्ष 2028 - 29 रखी गई है.

    उक्त चारों रेल  प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो न  केवल इंदौर बल्कि उज्जैन को सीधे मुंबई तथा दक्षिण के हैदराबाद से  जोड़ेंगे . इन रेलमार्गों से आवागमन तो  होगा ही  लेकिन व्यापार व्यवसाय में कितनी वृद्धि होगी यह कल्पना से परे है. किसी क्षेत्र में रेल मार्ग निकलने के मायने क्या होते हैं इसका बाद के समय में उस क्षेत्र की होने वाली  आर्थिक प्रगति से आकलन किया जा सकता है.

 मध्य प्रदेश का उज्जैन -इंदौर रेल के मामले में पिछड़ा हुआ है .आज भी इंदौर से शुरू होने वाली ट्रेन इंदौर पर ही टर्मिनेट होती है. इन चार  मार्गों के खुलने से निश्चित रूप से मालवा  क्षेत्र को बहुत लाभ होगा.

 2028 के पहले इन नये  रेल मार्गों का पूरा होना जरूरी

सिंहस्थ 28  में  करोड़ों की संख्या में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों को वैकल्पिक मार्ग  से लाया ले जाया जा सकेगा, इससे श्रद्धालुओं के प्रबंधन  में आसानी होगी.नये मार्ग बनने से पुराने रूट पर ट्राफिक का दबाव भी कम होगा .

इंदौर- दाहोद, छोटा उदयपुर,खंडवा मार्ग की वर्तमान स्तिथि

दाहोद तथा इंदौर-छोटा उदयपुर मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2008 से स्वीकृत हुआ यह काम आज भी अधूरा पड़ा हुआ है. इंदौर टीही  और छोटा उदयपुर से अलीराजपुर के बीच का काम  पूर्ण हो गया है .

लेकिन टीही से धार और धार से सरदारपुर -टांडा -जोबट खाडला होकर अलीराजपुर तथा धार से झाबुआ पिटोल होकर दाहोद का मार्ग अभी भी प्रगतिरत है . रेलवे की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार धार जिले में अधिकांश मार्ग की  जमीन ही अधिकृत होना शेष है . इस कारण से  प्रगति रुकी हुई है.

इसी तरह इंदौर खंडवा के बीच गेज कन्वर्जन के मामले में भी महू  से लेकर पातालपानी ,पातालपानी से लेकर बडीया तक कुछ 64 किलोमीटर का काम अभी होना है और यहां भी जमीन अधिग्रहण एक बड़ा प्रश्न बनकर खड़ा है.  वर्तमान में रेलवे की ओर से बताया जाता है की जमीन अधिग्रहण यदि समय पर नहीं हुआ तो यह कार्य  2026 तक भी पूरा होना संभव नहीं है.

प्रदेश सरकार पहल करें

  रेलवे प्रोजेक्ट केवल केंद्र सरकार के नहीं होते हैं .जिन राज्यों से रेल मार्ग गुजरते हैं उन राज्यों को ही इसका मुख्य फायदा होता है .इसलिए सिहस्थ  2028 के मद्दे  नजर प्रदेश सरकार को इन चारों रेलवे प्रोजेक्ट  के लिए  जमीन अधिग्रहण की  कार्रवाई  तुरंत करना चाहिए .

संबंधित जिलों के कलेक्टर को बुलाकर समस्या का निदान  करवाना चाहिए . रेलवे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य सड़क की तुलना में कम कठिन  है . जमीन अधिग्रहण का कार्य वर्षों बाद भी  क्यों बाकी  है यह  चिंता का विषय है. उम्मीद करें कि राज्य सरकार उच्च स्तर पर इस मामले  संज्ञान  लेगी .

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Harishankar Sharma State Level Accredited Journalist राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार , 31 वर्षों का कमिटेड पत्रकारिता का अनुभव . सतत समाचार, रिपोर्ट ,आलेख , कॉलम व साहित्यिक लेखन . सकारात्मक एवं उदेश्य्पूर्ण पत्रकारिता के लिए न्यूज़ पोर्टल "www. apni-baat.com " 5 दिसम्बर 2023 से प्रारम्भ . संपर्क apnibaat61@gmail.com "Harishankar sharma " state leval acridiated journalist residing at ujjain mp. .working since 31 years in journalism field . expert in interviews story , novel, poems and script writing . six books runing on Amazon kindle . Editor* news portal* www.apni-baat.com