राजनीति इतनी  निर्लज्ज पहले कभी नहीं थी ,  अरविन्द केजरीवाल  जमानत पर छूट कर स्तीफा देंगे

कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया हैं कि ना तो वह मुख्यमंत्री कार्यालय जा सकेंगे और ना ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर कर पाएंगे. अब ऐसे हालात में मुख्यमंत्री बने रहकर सरकार चलाना कठिन था इसलिए वे अब जाकर स्तीफा दे रहे  है .

Sep 15, 2024 - 23:32
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राजनीति इतनी  निर्लज्ज पहले कभी नहीं थी  ,  अरविन्द केजरीवाल  जमानत पर छूट कर स्तीफा देंगे

 राजनीति और राजनीतिज्ञों के बारे में आमतौर पर कहा जाता है कि यह  निर्लज्ज व्यवहार करते हैं. कही बात से पलटना इनके लिए आम  है. राजनीतिक प्रतिद्वंदता में एक दूसरे को नीचा दिखाना,आरोप - प्रत्यारोप लगाना  सामान्य सी बात है.

 केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही तब और वर्तमान में भाजपा की सरकार है तब  भी दोनों ही स्थिति में सीबीआई, ई डी ,का अपने विरोधियों के खिलाफ किस तरह से प्रयोग करना है, इस बात को लेकर  कानून कायदे  ताक में रखकर  निर्लज्जता की हद को पार किया जाता रहा है.

दिल्ली सरकार के शराब घोटाले में  जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  लम्बे जेल प्रवास के बाद अब छूट गए हैं. जैसे  ही 12 जुलाई को उनको  ई डी के मामले में जमानत दी गई तुरंत सीबीआई सक्रिय हुई और 6-8 महीने पहले दर्ज किये केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. केंद्रीय एजेंसी जांच करने की बजाय किसी को जेल में रखने में ज्यादा रुचि दिखा रही थी. 

     शराब घोटाले का  तिलस्म खड़ा किया गया  जो  टूट गया. एक-एक कर इससे से जुड़े सभी लोगों की जमानत सुप्रीम कोर्ट द्वारा दे दी गई. हो सकता है कुछ समय बाद सभी लोग बरी हो जाए.

    लेकिन इसके पीछे जो राजनीतिक घटनाक्रम हुए वह  आने वाले समय में लोकतांत्रिक देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया  जाता  रहेगा .  ऐन लोकसभा के चुनाव के पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी और इसके पहले एक-एक कर दिल्ली सरकार के मंत्रियों की गिरफ्तारी किस बात की ओर इशारा करती है यह किसी से छुपा नहीं है.

    यह नहीं हैं कि दिल्ली सरकार के सभी लोग ईमानदार और दूध के धुले हैं. लेकिन एक महानगरपालिका के आकार के छोटे से राज्य के नेताओं  को कुचलने की ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि केंद्र की सारी एजेंसियां एकजुट होकर उनके खिलाफ खड़ी हो गई. कोर्ट ने एक बार फिर  सी बी आई को पिंजरे में बंद तोता कहा है .

दूसरी और अरविंद केजरीवाल ने जेल में रहकर भी इस्तीफा नहीं दिया और खड़ाऊ  राज चलाते रहे. यह  उनके नैतिक पतन की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है. अभी भी उन्हें सशर्त  जमानत मिली है .

इसमें कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया हैं कि ना तो वह मुख्यमंत्री कार्यालय जा सकेंगे और ना ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर कर पाएंगे. अब ऐसे हालात में मुख्यमंत्री बने रहकर सरकार चलाना कठिन था इसलिए वे अब जाकर स्तीफा दे रहे  है .

     अंततः एक  बात स्पष्ट  रेखांकित होती है की राजनीति में जितनी निर्लज्जता  इन दिनों  देखी जा रही है शायद पहले कभी देखी गई हो. चाहे  केंद्रीय जाँच एजेंसीयों का दुरुपयोग हो या फिर किसी जेल में बंद मुख्यमंत्री का खड़ाऊ  राज चलाना हो. दोनों ही सार्वजनिक जीवन की नैतिकता की परिभाषा के दायरे में नहीं आते हैं.

                                                

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Harishankar Sharma State Level Accredited Journalist राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार , 31 वर्षों का कमिटेड पत्रकारिता का अनुभव . सतत समाचार, रिपोर्ट ,आलेख , कॉलम व साहित्यिक लेखन . सकारात्मक एवं उदेश्य्पूर्ण पत्रकारिता के लिए न्यूज़ पोर्टल "www. apni-baat.com " 5 दिसम्बर 2023 से प्रारम्भ . संपर्क apnibaat61@gmail.com "Harishankar sharma " state leval acridiated journalist residing at ujjain mp. .working since 31 years in journalism field . expert in interviews story , novel, poems and script writing . six books runing on Amazon kindle . Editor* news portal* www.apni-baat.com