भ्रष्टाचार इतना बेशर्म पहले कभी नहीं था    

शुरुआती दौर में भ्रष्टाचार में कुछ शर्म हुआ करती थी लोग मालवी स्टाइल में  आड़े- अवले  जाकर सेटिंग करते थे . चुपचाप टेबल के नीचे से पैसा लिया करते थे.

Oct 20, 2024 - 17:43
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भ्रष्टाचार इतना बेशर्म पहले कभी नहीं था      

भारत में भ्रष्टाचार का दौर अंग्रेजी शासन में शुरू हुआ जो आज पराकाष्ठा पर पंहुच चुका है .शुरुआती दौर में भ्रष्टाचार में कुछ शर्म हुआ करती थी लोग मालवी स्टाइल में  आड़े- अवले  जाकर सेटिंग करते थे . चुपचाप टेबल के नीचे से पैसा लिया करते थे. अब भ्रष्टाचार बेशर्मी के साथ टेबल के ऊपर आ गया है.

     हाल ही में एक मजेदार किस्सा टीकमगढ़  जिले में हुआ है जहां के बल्देवगढ़  सब डिवीजन में  केलवा गाँव की एक  महिला अपनी जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए शिकायत लेकर एसडीएम के पास गई .एसडीएम के रीडर ने महिला को अटेंड किया और उसकी हैसियत से ज्यादा रिश्वत उससे मांग ली. बाबू लोग होशियार हो गए हैं आजकल जमीन की कीमत के हिसाब से रिश्वत  तय करते हैं .ग्रामीण महिला से  कहा कि 50 हजार लेकर आ जाओ अतिक्रमण  हटवा देंगे.

    महिला के पास एक दो बीघा  जमीन थी और घर में एक गाय थी .कम पढ़ी-लिखी महिला खुद्दार थी वह जानती थी कि अतिक्रमण हटाने के लिए रिश्वत नहीं देना चाहिए. ठेठ  ग्रामीण महिला  घर से गाय को रस्सी से बांधकर धीरे-धीरे एस डी एम  मुख्यालय पर पहुंच गई . ऑफिस के बाहर गैया को बांध दिया ,जैसे ही ऑफिस खुला आते -जाते लोगों में  हल्ला करने लगी कि देखो एस डी एम के बाबू  50 हजार की  रिश्वत मांग रहे  कहां से लाऊं . गैया  लेकर आई हूं इसी को ले लो और मेरी जमीन से अतिक्रमण हटवा दो . एक बड़े अखबार ने इसको प्रकाशित किया एक बड़े चैनल ने खूब चलाया .लेकिन शर्म किसे आती है .

     आम आदमी डूब मरो , पचास हजार  रिश्वत के तुम्हारे पास नहीं है .भारत देश की  पुण्य धरती पर  रिश्वत पौर- पौर  में बसी है ,इसके बिना कैसे जी पाओगे. एक ग्रामीण अनपढ़ महिला ने अपनी युक्ति से कितना बड़ा तमाचा सरकारी हाकीमों  के मुंह पर मारा है , शायद लगे ?

 भ्रष्टाचार का  सीन  काफी  आगे निकल गया है

 अब तो पुलिस थाने के लोग रिश्वत के लिए घर पर संदेश वाहक  भिजवाते हैं .इतने पैसे भिजवा दो तभी एफ आई आर दर्ज होगी .रेप  केस में  एफ आई आर  दर्ज करने के लिए पैसे मांगे जाते हैं इससे ज्यादा बेशर्मी और क्या होगी. 

लगे हाथ कुछ भ्रष्टाचार के मजेदार किस्सों से अवगत हो लिया  जाए. कुछ वर्ष पहले की बात है आदिवासी जिले में  पुलिस के बड़े अधिकारी ने  भ्रष्टाचार की एक नई युक्ति सोची . उनके बंगले में सूखा कुआ  था .उनसे मिलने  जो भी मातहत   अधिकारी आता उसको निर्देश थे कि वह  बातचीत करके नजराना एक थैली में रस्सी से बांधकर कुए में लटका दे .यह तकनीक काफी दिनों तक चली , अचानक बड़े अधिकारी का  तबादला हो गया ,वे कुएं से कुछ निकालना भूल गए .जब नये अधिकारी ने कुए की  सफाई कराई तो  रिश्वत लेने का यह  नया तरीका उजागर हुआ .

     ऐसे ही निमाड़ क्षेत्र के जिले के एक  बड़े राजस्व अधिकारी हुआ करते  थे . शस्त्र लाइसेंस ,जमीन की  हेरा - फेरी या ऐसे मामले जिनमें रिश्वत लेना जरूरी हो जाता है में रिश्वत मुंह से नहीं मांगा करते .टेबल पर पेन से ठक-ठक करके बता देते थे कि कितने पैसे देना है. एक ठक- ठक का रेट कितना है यह रीडर  बताता था .     

     दिल्ली के एक इलाके में पुलिस थाने का हेड कांस्टेबल बहुत रिश्वत बाजी करता था . वरिष्ठ  अधिकारियों ने रोक लगाने के लिए उसकी पोस्टिंग निर्जन  स्थान में कर दी. कुछ दिन बाद  फिर से शिकायत आने लगी .खोज का विषय था . पता लगाया गया तो मालूम चला कि  हेड साब ने एक बड़ा सा पत्थर सड़क पर रख दिया है और आने जाने वाले रिक्शा चालकों से कहता है कि इस पत्थर को थाने ले चलना है .बेचारे रिक्शा वाले क्या करते हैं अपनी जान बचाने के लिए दो- पांच सौ  देकर मुक्ति पा लेते थे.

      रिश्वत के उक्त सभी तरीके शालीन श्रेणी के थे .अब बिल्कुल बेशर्मी के साथ लोगों के गले पर छुरा  रखकर रिश्वत ली जा रही है. भगवान ही बचाए .बागड़ ही खेत खा  रही है ,खेत कितने दिनों तक बचेंगे.

 

 

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Harishankar Sharma State Level Accredited Journalist राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार , 31 वर्षों का कमिटेड पत्रकारिता का अनुभव . सतत समाचार, रिपोर्ट ,आलेख , कॉलम व साहित्यिक लेखन . सकारात्मक एवं उदेश्य्पूर्ण पत्रकारिता के लिए न्यूज़ पोर्टल "www. apni-baat.com " 5 दिसम्बर 2023 से प्रारम्भ . संपर्क apnibaat61@gmail.com "Harishankar sharma " state leval acridiated journalist residing at ujjain mp. .working since 31 years in journalism field . expert in interviews story , novel, poems and script writing . six books runing on Amazon kindle . Editor* news portal* www.apni-baat.com