बहनों की जय फिर दो राज्यों में सरकारे बनवा दी
महाराष्ट्र में 2.5 करोड़ महिलाओं को प्रति माह 1500 के हिसाब से 3 महीने की एडवांस 7500 रु राशि खाते में डाल दी गई थी. इसी तरह झारखंड में मइया योजना में भी 53 लाख महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह दिए जाने की शुरुआत हेमंत सोरेन सरकार द्वारा की गई.

दो राज्यों के चुनाव परिणाम आ गए हैं . महाराष्ट्र और झारखण्ड दोनों ही राज्यों में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका लाडली बहनों की रही .उनके द्वारा एक तरफा दिए गए वोट से महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार और झारखंड में सोरेन सरकार की वापसी हुई है .दोनों ही प्रदेशों में चुनाव पूर्व मध्य प्रदेश की तरह लाडली बहन योजना लागू की गई .महाराष्ट्र में 2.5 करोड़ महिलाओं को प्रति माह 1500 के हिसाब से 3 महीने की एडवांस 7500 रु राशि खाते में डाल दी गई थी. इसी तरह झारखंड में मइया योजना में भी 53 लाख महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह दिए जाने की शुरुआत हेमंत सोरेन सरकार द्वारा की गई.
विधानसभा चुनाव में महिला वोटर ने क्या असर डाला यह कोई खोज का विषय नहीं है . पहले मध्य प्रदेश फिर हरियाणा और अब महाराष्ट्र और झारखंड में आए रुझान यह बात स्पष्ट कर देते हैं कि जिनकी सरकार रही और जिन्होंने पहले नगद भुगतान कर दिया वहीं चुनाव में जीत सुनिश्चित कर पाए हैं .महिला वोटर ने आने वाले समय में किए जाने वाले वादे को की और ध्यान नही दिया . चाहे महाराष्ट्र में कांग्रेस ने में कहा कि सरकार में आए तो 3000 रु महीना देंगे या फिर झारखण्ड में बी जे पी ने वादा किया हो .महिलाओं ने वर्तमान में जो उनके खाते में पैसे डाल रहा है उसी पर भरोसा किया.
लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं के खाते में सीधे पैसे डालने को कुछ अर्थशास्त्री वित्तीय समावेश का एक अच्छा तरीका मानते हैं .डीबीटी के माध्यम से बिना किसी भ्रष्टाचार के सीधे महिला हितग्राही को राशि का अंतरित कर महिलाओं में हाथ में वितीय अधिकार को बढ़ाएगा. यूँ तो महिलाओं के सभी संसाधनों पर पुरुष का एकाधिकार है .खास करके पिछडी , दलित और अनपढ़ महिलाओं पर तो एक तरह से पुरुषों का राज ही चलता है .वहां महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना लाने वाली यह छोटी सी राशि बड़ा काम कर सकती है. महिलाओं के लिए छोटे-छोटे खर्च और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाली यह राशि निश्चित रूप से महिलाओं के मन में घर कर गई हैं. लाडलीयों के खाते में पंहुच रही यह राशि एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लाने जा रही है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चुनाव जीतने के लिए लागू की गई यह योजना निश्चित रूप से भारत भर में लोकप्रिय हो रही है आने वाले जितने भी विधानसभा चुनाव है वहां की सरकारे इस योजना को लागू कर फिर से चुनाव जीतने की जुगाड़ करेगी.
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