विवाह में इतने धन का अपव्यय क्यों सिंपल विवाह समारोह नहीं हो सकता ?    

सुधा मूर्ति की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है .उन्होंने अपने  बेटे और  बेटी के विवाह कब करे यह किसी को पता नहीं है . एक उद्योगपति अंबानी ने अपने बेटे के विवाह समारोह में जितना भोंडा  प्रदर्शन किया वह सभी को पता  है ही.

Nov 27, 2024 - 09:14
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विवाह में इतने धन का अपव्यय क्यों  सिंपल विवाह समारोह नहीं हो सकता ?      

इंफोसिस की  मालिक और राज्यसभा सांसद  सुधा मूर्ति ने कहा है कि विवाह समारोह में होने वाले धन  के अपव्यय  को रोकना चाहिए .उन्होंने सीधी सपाट  बात करते हुए कहा है कि  सिंपल शादी की जाए तो काफी धन  की बचत की जा सकती है .साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक दिन के विवाह समारोह की बादशाहत से यह साबित नहीं होता कि आने वाला वैवाहिक जीवन सफल होगा . विवाह में विवाहित जीवन सफल होना बड़ी बात है न कि भव्य विवाह समारोह आयोजित करना. सुधा मूर्ति की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है .उन्होंने अपने  बेटे और  बेटी के विवाह कब करे यह किसी को पता नहीं है . एक उद्योगपति अंबानी ने अपने बेटे के विवाह समारोह में जितना भोंडा  प्रदर्शन किया वह सभी को पता  है ही.

बेरोजगारी के समय में  वर एवं वधू पक्ष के लोग मिलकर विवाह समारोह में फिजूल  खर्ची को रोककर ,इस राशि को बचाकर नया जीवन शुरू करने वाले नव दंपति को अपना खुद का व्यापार व्यवसाय करने के लिए,घर बनाने के लिए बड़ी धनराशि दे सकते हैं.

 ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी  क्षेत्र सब जगह विवाह समारोह बड़े  खर्चीले हो रहे हैं .गांव में भी बड़े तामझाम , टेंट तम्बू  बुलाकर विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं .कई तरह की मिठाइयां बनती है ,कई दिनों तक समारोह आयोजित  किए जाते हैं .इस पर बड़ी धनराशि खर्च होती है .अन्न का अपव्यय भी खूब होता है . गांव में 5 से 10 लाख  रुपए और शहर में 15 से 25 लाख की सामान्य शादीयाँ होती है .हेलीकाप्टर में बारात ले जाने में कौनसी शान है ,अगले दिन तो मोटर या मोटर साइकिल से ही घूमना है .

वर वधू  दोनों पक्ष को मिला लिया जाए तो यह राशि अत्यधिक बढ़ जाती है. अनावश्यक कपड़े खरीदे जाते हैं ,उपहार बांटे जाते हैं और सोने चांदी के जेवर में पूंजी को डेडलॉक करके रख दिया जाता है. यह धन यदि दुकान खरीदने , व्यवसाय की पूंजी के रूप में मार्केट में आएगा  तो व्यवसाय  बढ़ेगा . रीसाइकलिंग होगी और पैसे से पैसा पैदा होगा .इस दिशा में सामाजिक सुधार करने वाले एनजीओ को सामूहिक विवाह आयोजित करके  और बड़े प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को ,समाज के नेताओं को  सामूहिक विवाहों में शामिल होने की पहल करना चाहिए .जिससे कि विवाह समारोह में होने  वाले धन  का  अपव्यय रोका जा सके.

 

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Harishankar Sharma State Level Accredited Journalist राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार , 31 वर्षों का कमिटेड पत्रकारिता का अनुभव . सतत समाचार, रिपोर्ट ,आलेख , कॉलम व साहित्यिक लेखन . सकारात्मक एवं उदेश्य्पूर्ण पत्रकारिता के लिए न्यूज़ पोर्टल "www. apni-baat.com " 5 दिसम्बर 2023 से प्रारम्भ . संपर्क apnibaat61@gmail.com "Harishankar sharma " state leval acridiated journalist residing at ujjain mp. .working since 31 years in journalism field . expert in interviews story , novel, poems and script writing . six books runing on Amazon kindle . Editor* news portal* www.apni-baat.com