पाले से फसलों की सुरक्षा एवं सर्तकता हेतु सलाह
आज 5 जनवरी 2024 और आने वाले दिन में एम पी के मालवा क्षेत्र के उज्जैन शाजापुर देवास अगर रतलाम मंदसौर नीमच जिलो में पाला पड़ने की आशंका बन रही है । उज्जैन जिले के कृषि विभाग के उप संचालक आरपीएस नायक ने ऐसी स्थिति में किसान भाई से सावधानी रख कर अपनी फसलो को बचाने की अपील की है ।
पाले Frost से बचाव के उपाय
1. पाले की संभावना पर रात में खेत में 6-8 जगह पर धुआं Smoke करना चाहिये। यह धुआं खेत में पड़े घास-फूस अथवा पत्तियां जलाकर भी किया जा सकता है। यह प्रयोग इस प्रकार किया जाना चाहिये कि धुआं सारे खेत में छा जाए तथा खेत के आसपास का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक आ जाए। इस प्रकार धुआं करने से फसल का पाले से बचाव किया जा सकता है।
2. पाले की संभावना होने पर खेत की हल्की सिंचाई कर देना चाहिये। इससे मिट्टी का तापमान बड़ जाता है तथा नुकसान की मात्रा कम हो जाती है। सिंचाई बहुत ज्यादा नहीं करनी चाहिये तथा इतनी ही करनी चाहिये जिससे खेत गीला हो जाए।
3. रस्सी का उपयोग भी पाले से काफी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके लिये दो व्यक्ति सुबह-सुबह (जितनी जल्दी हो सके) एक लंबी रस्सी को उसके दोनों सिरों से पकड़ कर खेत के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक फसल को हिलाते चलते हैं। इससे फसल पर रात का जमा पानी गिर जाता है तथा फसल की पाले से सुरक्षा हो जाती है।
रसायन Chemical से पाला Frost नियंत्रण Control
वैज्ञानिकों द्वारा रसायनों Chemicals का उपयोग करके भी पाले को नियंत्रित करने के संबंधी प्रयोग किये गए हैं। ये इस तरह है ।
1. घुलनशील सल्फर 0.3 से 0.5 प्रतिशत् का घोल (3 से 5 एम.एल./ली. पानी के साथ)
2. घुलनशील सल्फर 0.3 से 0.5 प्रतिशत + बोरान 0.1 प्रतिशत् घोल (3 से 5 एम.एल./ली.+1 एम.एल. पानी के साथ)
3. गंधक के एक लीटर तेजाब को 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कने से लगभग दो सप्ताह तक फसल पाले के प्रकोप से मुक्त रहती है। रसायनों में विशेषकर गंधक के तेजाब HCl का उपयोग अत्यंत सावधानीपूर्वक तथा किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिये।
उक्त में से कोई भी एक घोल बनाकर छिड़काव करके फसल को पाले से बचाया जा सकता है