Modi mantra in 2024 Election क्या है जीत का फार्मूला
स्वच्छता, सड़को के निर्माण का नया युग , देश के भीतर शांति , Foreign Policy ,
Modi mantra in 2024 Election
क्या है जीत का फार्मूला
स्वच्छता SBM
मोदी ने 2014 to 2024 मुमकिन किया स्वच्छता को । जिस स्वच्छता के बारे में आम नागरिक सोचता ही नहीं था । जिस स्थान पर बैठा है वहीं बैठे-बैठे आसपास थूंक देता था , घर के चारों तरफ गंदगी पसरी होती थी। ODF का कोई प्रश्न ही नहीं उठता था । पूर्व की सरकारों ने आधे अधूरे मन से Toilets निर्माण के अभियान चलाए । इनका कोई असर भी कहीं नजर नहीं आया । Toilets की बात तो होती थी लेकिन बनते नहीं थे। Rural Area में घुसते ही गंदगी से सामना होता था। Open defection की आदत के चलते गांव व कस्बो में यहां वहाँ मल बिखरा पड़ा रहता था । Pm Modi ने अभी दो दिन पहले इंडिया टू डे के कॉन्क्लेव में कहा स्वच्छता से गरीब लोगो के कोई साठ हजार करोड़ रूपये बीमारी के बचे है .
Pm Narendra modi का 2 अक्टूबर 2014 को दिल्ली के राजपथ पर झाड़ू लेकर निकलना स्वच्छता की दिशा में एक बड़ा कदम था । ' घर-घर शौचालय , हर घर शौचालय 'का नारा दिया गया . लोगों को एहसास करा दिया गया कि आसपास की गंदगी और खुले में शौच ही की बीमारी का कारण है। जिस तरह से भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता और आमजन इस अभियान से जुड़े उसने पूरे भारत में अद्वितीय परिणाम दिए।
मोदी ने मुमकिन किया महिलाओं का सम्मान से रहना । गांव में सुबह-सुबह घुसते ही सड़क के दोनों किनारे शोच के लिए बैठी हुई महिलाएं जैसे ही कोई पुरुष गुजरता उन्हें खड़ा होना पड़ता था। हाथ भर का घूंघट निकाले शर्मिंदा होने पर मजबूर महिलाओं को इज्जत से रहने का काम मोदी सरकार ने शौचालय बनाकर किया है।
मोदी के इस अकेले काम से महिलाओं का कितना मान बड़ा है ,यह वोटो की गिनती से पता लगता है। मोदी है तो मुमकिन है कि मध्य प्रदेश के इंदौर सहित कई शहर स्वच्छता की दौड़ में सबसे आगे हैं । सोच इतनी बदली है कि आम आदमी कार में बैठकर चॉकलेट का Raper भी बाहर फेंकने से पहले एक बार सोचता है कि इसको किस Dustbin में डाले । सोच बदलने के लिए बड़ी सोच की आवश्यकता होती है और वह सोच थी नरेंद्र मोदी के मन में जिसने भारत को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया , मोदी के कमिटमेंट के कारण ही यह मुमकिन
हुआ है।
NHAI
सड़को के निर्माण का नया युग
मोदी के सत्ता में आने के पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों का कार्य आधा अधूरा पड़ा था । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा शुरू किए गए पूर्व -पश्चिम उत्तर दक्षिण कॉरिडोर व अन्य हाईवे के काम की गति रुक गई थी । राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए तत्कालीन सरकार के दक्षिण के सहयोगी दल खीचतान मचाये हुए थे । सड़कों का निर्माण कार्य धीमा पड़ गया था । हमारे अपने प्रदेश में ही इंदौर से अहमदाबाद मार्ग और नेशनल हाईवे आगरा मुंबई में ग्वालियर से लेकर देवास तक के मार्ग 2004 से 2013 तक अधूरे पड़े रहे । राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण उपेक्षा की कहानी कह रहे थे। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में भू तल परिवहन मंत्री Nitin Gadkari ने तेज गति से काम शुरू किया और आज प्रदेश ही नहीं देश के चारों तरफ अच्छी और बेहतरीन सड़के आवागमन का साधन बन गई है। सड़के केवल आवागमन ही नहीं करती इनके माध्यम से आर्थिक समृद्धि भी गांव तक पहुंचती है। हम देख भी रहे हैं कि लगातार अर्थव्यवस्था में आ रहा उछाल मोदी की नीतियों के कारण ही मुमकिन हो रहा है ।
Article 370 , देश के भीतर शांति
मोदी ने हिंदुस्तान में चारों तरफ शांति और कानून व्यवस्था की बहाली का काम किया है। इसके पहले मुंबई आतंकवादी हमला , आए दिन होने वाले बम विस्फोट को आम जनता भूल ही चुकी है। आंतरिक सुरक्षा में कश्मीर पर नियंत्रण भी मोदी के कारण ही मुमकिन हुआ है। यह मोदी सरकार ही थी जिसे 2019 में कश्मीर की धारा 370 हटा दी , जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया और लेह लद्दाख को से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया । इससे पहले 370 हटाने के बारे में शायद कोई सोच ही नहीं सकता था। मोदी ने न केवल 370 धारा हटाने को मुमकिन किया बल्कि कश्मीर के दो टुकड़े भी कर दिए । 2019 में हैदराबाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति व कानूनविद श्री फैजान अहमद से जब एनडीटीवी के एडिटर इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे तो तब उन्होंने इस पर कहा कि मोदी की सोच वहां से शुरू होती है जहां हम सोचना बंद कर देते हैं । उन्होंने कहा कि किसी ने यही सोचा होगा कि जैसे - तैसे 370 धारा हटेगी । 370 हटाने के साथ ही दो काम और हो जाएंगे यह किसी ने नही सोचा था । यह ऐसा काम है जो कह सकते हैं कि मोदी के कारण ही मुमकिन हो पाया है . अन्य कोई सरकार होती तो अगर- मगर और धाराओं में उलझी रहती।
जम्मू कश्मीर का जब भारत में विलय हुआ तब महाराजा हरि सिंह व भारत सरकार के बीच एक विलय दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए . उसके बाद यह तय हुआ कि कश्मीर को विशेष दर्जा देते हुए संविधान में धारा 370 जोड़ी जाए जिसके आधार पर कश्मीर का संविधान अलग होगा ,वहां का ध्वज अलग होगा तथा भारत सरकार के अधिकांश कानून वहां लागू नहीं होंगे. यह धारा 370 थी जिसके कारण आम भारतीय वहां जाकर अपना व्यवसाय करने के लिए जमीन नहीं खरीद सकता था कश्मीर के बाहर के लोगों को वहां नौकरी नहीं मिलती थी . यदि कोई कश्मीरी लड़की भारत में कहीं अन्य प्रदेश के लड़के से विवाह कर लेती थी तो वह अपनी संपत्ति से बेदखल हो जाती थी .फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि भारत सरकार का बस वहां के आतंकवाद को कुचलने में क्यों नहीं चलता था. वंहा की सरकार और सरकार में बैठे लोग यह नहीं होने देना चाहते थे .वर्षों से वहां के आतंकवादी व नेता आपस में मिले हुए थे और केंद्र सरकार से जाने वाली सहायता का सबसे ज्यादा लाभ यही लोग ले रहे थे ।
कैसे हटी
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा 370 धारा हटाने का बिल पहले राज्यसभा में लाया गया आमतौर पर बिल लोकसभा में ले जाते हैं किंतु राज्यसभा में भाजपा का बहुमत नहीं होने के कारण पहले तय किया गया कि इसको राज्यसभा में पारित करवाया जाए .अत्यंत ही गोपनीय ढंग से बिल प्रस्तुत हुआ. गृहमंत्री अमित शाह ने बिल प्रस्तुत करते हुए कहा कि कश्मीर में लागू की गई धारा 370 ही अलगाव का कारण है और इसको हटा करके ही कश्मीर में शांति लाई जा सकती है . राष्ट्रपति को Article 367 के तहत संविधान में अधिकार दिया गया है कि यदि वह किसी धारा को अनुपयोगी मानते हैं तो उसे समाप्त कर सकते हैं या उसमें संशोधन कर सकते हैं .इसी के तहत 370 धारा को हटाने का प्रावधान करते हुए राष्ट्रपति की अनुमति से बिल लाया गया. प्रस्तुत बिल में यह भी कहा गया कि कश्मीर की राज्य स्तरीय संविधान परिषद का विलय विधानसभा में हो गया है और विधानसभा वर्तमान में भंग है .अतः विधानसभा के सभी अधिकार राज्यपाल के माध्यम से संसद को जाते हैं .इसलिए संसद इस पर अपनी तरफ से सहमति प्रदान कर सकती है . इसी आधार पर धारा 370 हटाकर वर्षों से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त कर दिया गया .यही नहीं इस बिल में जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त करते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया व इसके दो टुकड़े करके लद्दाख को पृथक से केंद्र शासित क्षेत्र घोषित किया गया . एक झटके में वर्षों से चली आरही 370 हटाने की मांग जो कि भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा था 5 अगस्त 2019 को पूरी हो गई ।
Foreign Policy
विदेश नीति , भारतीयों का बढ़ता मान
मोदी की दृढ इच्छा शक्ति का एक नमूना और विदेश नीति में सामने आया है . हमें अच्छी तरह याद है जब 2008 -09 में हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्र में चीनी सैनिको ने घुसकर वहां सड़क निर्माण के कार्य को रुकवा दिया था और सैनिकों के साथ मारपीट की थी। तब एनडीटीवी के बड़े पत्रकार ने तब के प्रधानमंत्री को कोट करते हुए चर्चा में कहा था कि सरकार का नजरिया यह है कि हम चीन से सामना नहीं कर सकते, और करेंगे तो हमारी पिटाई हो जाएगी। लेकिन मोदी तो मोदी हैं . उन्होंने न केवल चीन की आंखों में आंखें डाल कर बात की बल्कि डौकलाम में कई दिनों तक सेनाएं आमने-सामने डटी रही , मजबूरन चीन को पीछे हटना पड़ा।
पाकिस्तान सरकार की तो उन्होंने फरवरी 2019 में कमर ही तोड़ दी . उरी सर्जिकल स्ट्राइक से आगे बढ़कर बालाकोट में भारतीय विमानों द्वारा बरसाए गए बमों की धमक पूरे हिंदुस्तान के साथ साथ पाकिस्तानी संसद में भी सुनी गई और मोदी है तो मुमकिन है कि नारे के साथ इसको जोड़कर देखा जाने लगा . यही कारण था कि मोदी है तो मुमकिन है के नारे के चलते 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार बड़े बहुमत के साथ वापस आई ।
Finaly मोदी की गारंटी और 2024 लोकसभा चुनाव
अब 2024 के आम चुनाव होना है भाजपा एक नया नारा लेकर सामने आई है मोदी की गारंटी । इस नारे का टेस्ट मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में हुआ । मोदी हर सभा में कहते मोदी की गारंटी । सभा में बैठे लोग करतल ध्वनि से उनका समर्थन करते दिखे ।
मोदी की गारंटी है गरीबों को आने वाले 5 वर्षों तक निशुल्क राशन देना, मोदी की गारंटी है हर गरीब और जरूरतमंद को पांच लाख तक का उपचार मुफ्त करवाना, मोदी की गारंटी हर बेघर को घर देने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 1 लाख रु और शहरी क्षेत्र में ढाई लाख रूपए उसके बैंक खाते में डालना , मोदी की गारंटी है हर गरीब घर की महिला को उज्जवला गैस कनेक्शन देना । मोदी की गारंटी है भारत में चारों तरफ सुरक्षा व शांति बनाए रखना , विदेश में भारत का मान बढ़ाना . वन्दे भारत ट्रेन्स चलाना , एक्सप्रेस हाई वे का जाल बिछाना , हर महिला के लिए घर घर नल कनेक्शन देना और भारत की अर्थव्यवस्थाओं को 5 ट्रिलियन तक ले जाना । अब भला इतनी गारंटी एक साथ मिल रही हो तो मतदाता दूसरी बे- गारंटी की तरफ क्यों जाएगा । शायद इसीलिए ' इंडिया ' नाम के गठबन्धन की गांठे कमजोर पड़ने लगी है ।
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