मेरा नाम  Mukhtar  है , क्यों छुपाऊं ?   Raskhan की परम्परा का  एक  मुख़्तार मथुरा  में  है  Ghazwa –e- Hind  को  मानने  वाला  एक  Mukhtar   गाजीपुर  में  था 

अकबर के समकालीन  मध्यकाल के  मुस्लिम कृष्णभक्त  Raskhan  की तरह  कृष्ण भक्ति में  रंगा मुख़्तार  भक्ति भाव से मुझे लेकर गोकुल की ओर चल दिया

Apr 1, 2024 - 12:57
Apr 1, 2024 - 13:44
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मेरा नाम  Mukhtar  है , क्यों छुपाऊं ?   Raskhan की परम्परा का  एक  मुख़्तार मथुरा  में  है  Ghazwa –e- Hind  को  मानने  वाला  एक  Mukhtar   गाजीपुर  में  था 

  

 गोकुल - मथुरा   के कण कण  में कृष्ण लीला बसी  है

      मथुरा और गोकुल के बीच की दूरी 18 -19 किलोमीटर है .आने जाने और  पॉइंट दिखाने के 600 लगेंगे .ई रिक्शा चलाने वाले प्रसन्नचित चालक  Mukhtar ने  चकित करते हुए कहा 

   अकबर के समकालीन  मध्यकाल के  मुस्लिम कृष्णभक्त  Raskhan  की तरह  कृष्ण भक्ति में  रंगा मुख़्तार  भक्ति भाव से मुझे लेकर गोकुल की ओर चल दिया । रास्ते में मथुरा और गोकुल दोनों के  बारे में विस्तार से बताते हुए वह फूला  नहीं समा रहा था । मेरे द्वारा किए जाने वाले साफ- सफाई व स्वच्छता के   प्रश्नों का जवाब उसने  अपने शहर की प्रतिष्ठा के चलते  रक्षात्मक लहजे  में दिया .  कोई खास बात नहीं है यहाँ  सब कुछ अच्छा है ।  मथुरा से गोकुल के बीच के रास्ते में डिफेंस कॉलोनी से गुजरते हुए कुछ अच्छा अनुभव हुआ जैसे-जैसे गोकुल की ओर बढ़ने लगे मन में  वर्तमान दुर्दशा पर दुख हुआ ।

       रास्ते में सड़क के बीच-बीच के हिस्सों में स्टोन   लगे हुए थे इसके कारण रिक्शा में बहुत ही ज्यादा धचके  के  लग  रहे  थे  हाजिर  जवाब  मुख़्तार ने  कहा  किसी  दिन योगी  महाराज  इस  सड़क से  गुजरेंगे  सड़क चकाचक हो जाएगी।

     पुराणों में बसा  मथुरा और गोकुल कहीं नजर नहीं  आ रहा था 

       जीवन का लंबा समय गुजर गया लेकिन  मथुरा जाने का कभी अवसर नहीं मिला। इस बार जब दिल्ली गया तो  सोचा कि मथुरा होकर वापस जाया जाए‌।  सुबह 9:00 बजे पहुंच कर मथुरा के होटल में चेकइन  कर लिया और दोपहर में ई- रिक्शा करके पहले गोकुल की ओर चल पड़ा।  पुराणों में जो गोकुल के बारे मे पढा  व गीता प्रेस की पुस्तकों में  जो चित्रांकन देखा था उसके विपरीत यहां का अनुभव था।  यमुना नदी‌ पूरे  दिल्ली की  गंदगी समेटे यहाँ से   बहती है । नदी के किनारे खड़ा रहना  मुश्किल है  .

       Mukhtar  ne कच्चे रास्ते से होकर Yamuna kinare   खुली जगह पर रिक्शा रोक दिया .सामने के  घर‌  से पंडित जी निकल कर आए उन्होंने तुरंत यहां के धर्म स्थलों की  लिस्ट  और  अपनी रेट  लिस्ट सुना दी  और कहा  चलिए मेरे साथ , बिना मेरे साथ गये  जगह समझ  नहीं आएगी . उन्होंने जितने भी धर्म स्थलों के नाम  गिनाये  थे   वे आसपास ही  थे . कृष्ण भगवान की बाल लीलाओं को  दीवार  पर  छोटे-छोटे चित्रों के माध्यम से  दिखाया  गया है .

        नन्द भवन के बाहर बंसीवट बताया  गया ,  एक  बंसीवट  वृन्दावन  में भी है . नन्द भवन के  बाहर  दुकानों पर लस्सी ,नाश्ता और चाय की दुकान  पर झूठी पत्तलों को  चाटते कुत्ते  ,  कुल्हड़ो  का  ढेर  और आसपास पसरी  गंदगी  ने मन को दुखी  कर दिया 

     बचपन में घरों में पढ़ी जाने वाली Shrimadbhagvat   और विभिन्न धर्म स्थलों पर आयोजित होने भागवत  पुराणों में कृष्ण की  बाल लीलाओं के किस्से    मोहक व  आकर्षक ढंग से  सुनाये  जाते थे . कथाकार द्वारा जैसा  चित्रण मथुरा  गोकुल का  किया जाता है  उतना  सुंदर प्रत्यक्ष में यहां पर नहीं पाते है .

       उत्तर प्रदेश में 8 वर्षों से  Yogi Adityanath  की सरकार है वह कई बार Mathura आते - जाते  रहते हैं  क्या उनसे गोकुल वह मथुरा की स्वच्छता और धर्मस्थलों की स्थिति छुपी  होगी . Hemamalini  भी यंहा  से   MP  है  .

         UP   के बनारस में  Kashi Vishvnath Corridor  Mp  के  Ujjain  में Mahakaleshvar Temple  के आसपास Mahakal lok  बन सकता है तो क्या Gokul  में कृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित विशाल परिसर निर्मित नहीं किया जा सकता . यहां पर देश- विदेश से आने वाले  धार्मिक लोगो  की आस्था  जुड़ी है । एक दूसरे धर्म के रिक्शा चालक में जिस तरह से योगी जी के बारे में सकारात्मक बातें की और उनके प्रति विश्वास जताया इससे हमें भी यह विश्वास करना चाहिए कि आने वाले समय में गोकुल  के धार्मिक स्थल व कृष्ण की बाल लीलाओं  का आकर्षक ढंग से प्रस्तुतीकरण किया जाएगा . आसपास स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। 

     गोकुल   से लौटकर  मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर में भक्तो की  भारी  भीड़  के बीच दर्शन करना पड़े क्योंकि होली उत्सव के कारण यहां पर अपार भीड़ थी .बाद में कृष्ण जन्मभूमि पर भी इसी तरह की भीड़ के बीच दर्शन करने का सौभाग्य मिला. वापस की  यात्रा में  मन में केवल एक ही बात उठती रही की  Lord Krishna  से जुडा यह  पवित्र धार्मिक   स्थल आज भी अपने विकास  की बाट  जोह  रहा है.

 

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Harishankar Sharma State Level Accredited Journalist राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार , 31 वर्षों का कमिटेड पत्रकारिता का अनुभव . सतत समाचार, रिपोर्ट ,आलेख , कॉलम व साहित्यिक लेखन . सकारात्मक एवं उदेश्य्पूर्ण पत्रकारिता के लिए न्यूज़ पोर्टल "www. apni-baat.com " 5 दिसम्बर 2023 से प्रारम्भ . संपर्क apnibaat61@gmail.com "Harishankar sharma " state leval acridiated journalist residing at ujjain mp. .working since 31 years in journalism field . expert in interviews story , novel, poems and script writing . six books runing on Amazon kindle . Editor* news portal* www.apni-baat.com